Saturday, December 5, 2020

याद आ रही है बहुत याद आ रही है .....

निरुपमा सिंह



एक बार फिर पुराने दिनों की याद आ रही है 
याद आ रही है चिड़िया के चैहक के पहले बिस्तर से कूदना 
चाय और दूध गैस पर चढ़ाना और एक रोबो मशीन की तरह काम करना उन दिनों की याद आ रही है 

ट्रैफिक में फसना तीर से तेज़ स्कूल पहुंचना और असेंबली में शामिल हो जाना उन दिनों की याद आ रही है

 दोस्तों से मिलना जुलना
और आचार विचार संवेदनशील होकर  सुनना और सुनाना उन दिनों की याद आ रही है

 लंच में साथियों के साथ प्रेम पूर्वक खाना और खिलाना
उन दिनों की याद आ रही है

 कक्षा में बच्चों के साथ हंसना हंसाना पढ़ाना और सिखाना उन दिनों की याद आ रही है 

एक सामान्य जीवन की कठिनाइयों का सामना करना मुश्किलों से जूझना और अंत में जटिल समस्याओं का समाधान निकालना और फिर मुस्कुराना उन दिनों की याद आ रही है

 घर में अपने से बड़ों का आशीर्वाद पाना और बच्चों के साथ स्नेह पूर्वक पेश आना पर उनके साथ पर्याप्त समय नहीं गुजार पाना ़और जरूरी बातें वेटसैप पर भेजना उन दिनों की बहुत याद आ रही है

 अंत में  थक हार के रात में बिस्तर पर सो जाना
 अलार्म लगाना
कल की तैयारी करना
 वह सामान्य जिंदगी आज कितना अनमोल सा लग रहा है  उन दिनों की याद आ रही है 

ईश्वर से प्रार्थना करना 
जग जगदंबे से सबकी भलाई के लिए .......
अपने उत्तरदायित्व को पूरा करने की क्षमता मांगते हुए जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए
......
 आज उन दिनों की याद आ रही है 

अपने गर्मी छुट्टी के इंतजार और मायके जाने का खुमार लोगों से मिलना मिलाना
 व्हाट्सएप इंटरनेट फेसबुक इन सबके लिए समय नहीं निकाल पाना और परेशान हो जाना उन दिनों की याद आ रही है

 हे प्रभु मेरे और सब के सामान्य जीवन जिससे हम कोफ्त थे उसे वापस लाने की कृपा करो 
इस पृथ्वी पर फिर से हलचल मची 
मां वसुंधरा की खुशियां पहले जैसी हो  
शांति मन में और विश्व में हो
और हम सब अन्य प्राणियों के साथ साथ चलें ....
इसकी कृपा करना

 आपका आशीष चाहिए !

 आपका आशीष चाहिए !!

 आपका आशीष चाहीए !!!

11 comments:

Unknown said...

Beautiful and touching. Keep enriching us mam.

Unknown said...

Sahee

Unknown said...

बहुत सुंदर रचना है। मैम 🙏🙏

Anonymous said...

Such a heart touching poem u have written mam😚😚...... Keep writing such poems for us mam😍😍😍😍

Unknown said...

🙏🏻🙏🏻🙏🏻 very heart touching!!!


Unknown said...

😍😍😍😍😍😍

Anonymous said...

So much more to learn from you ma'am 🙏

Mamta said...

👍👌

विश्वमोहन said...

बहुत सुंदर!

विभा रानी श्रीवास्तव said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 19 दिसम्बर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

विमल कुमार शुक्ल 'विमल' said...

अति सुन्दर

GO BACK!

Go back! By- Nirupama Singh  June 2019 , London..at Trafalgar Square ..l was relaxing.. soaking the sun.. pondering and musing ....